Thursday, 3 October 2013

 

जब उनकी सत्ता आएगी

अब दोस्ती की ख्याल-ए-हाल बदल जाएगी
हर हाल में सूरत-ए-हाल बदल जाएगी
कहते हैं जब सत्ता ‘उनकी’ आएगी
‘इन’ तिफ्लों की पूरी चाल ढल जाएगी
क्योंकि,
हर ओर हमीं अब डटे हुए हैं
हमारे पांव इस से उस छोर तक जमे हुए हैं
हमारी आवाज़ इस रव से उस सुर तक लगे हुए हैं
हमारी सोच उस सुर से अब समर तक पहुंचे हुए हैं
क्योंकि हमने हमारे हम नहीं छीने, हमारे गम नहीं बीने
कभी भी तम नहीं कीने, कभी भी सम्म नहीं दीने
हमारी पाक शीरत है हमारी पाक सूरत है
नापाकियों को क्या पता
हमारी पाक खूं और पाक खसलत है.
-जय हिन्द

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