उनकी यादों से(कफ़ील आज़र अमरोवी)
ज़िंदगी के पेड़ से
एक पत्ता और गिर कर
ढेर में ग़ुम हो गया है
ढेर उन पत्तों का जो पहले गिरे थे
हँस रहा है
ज़िंदगी का पेड़ खुश है
जैसे उसका बोझ हल्का हो गया है
ज़िंदगी के पेड़ से
एक पत्ता और गिर कर
ढेर में ग़ुम हो गया है
ढेर उन पत्तों का जो पहले गिरे थे
हँस रहा है
ज़िंदगी का पेड़ खुश है
जैसे उसका बोझ हल्का हो गया है
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